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Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन – जब दिल में हो तूफान सा ग़ुस्सा

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Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन
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ग़ुस्सा – एक ऐसी भावना जो कभी दर्द बनकर छलक जाती है और कभी आग बनकर सब कुछ जला देती है। हिंदी और उर्दू शायरी की दुनिया में ग़ुस्से को बेहद शायराना अंदाज़ में बयान किया गया है। दो लाइन की शायरी में जब ग़ुस्से की आग और दिल का दर्द एक साथ उतरते हैं, तो वो अल्फ़ाज़ सीधे रूह को छू जाते हैं।

इस लेख में हम आपको पेश कर रहे हैं कुछ बेहतरीन गुस्सा शायरी दो लाइन में, जो आपके दिल के हालात को बख़ूबी बयां करेंगी – चाहे वो प्रेम में धोखा हो, अपनों की बेवफ़ाई हो या ज़िन्दगी की तल्ख़ हकीकतें।

💢 Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन – दिल की आग अल्फ़ाज़ों में

Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन

ग़ुस्से में जो लबों से निकला, वो तीर बन गया,
अब तुझसे मोहब्बत भी डर-डर के करती हूँ।

कुछ बातों को चुप रह जाना ही बेहतर होता है,
हर ग़ुस्से का जवाब लड़ाई नहीं होता।

ग़ुस्सा कर के भी तुझसे दूर नहीं रह पाए,
तेरा नाराज़ होना भी हमें प्यारा लगता है।

ग़ुस्सा तो तब आता है जब प्यार बचा होता है,
नफ़रत में तो इंसान बस खामोश हो जाता है।

ग़ुस्से में जो बातें कह दी, उन्हें दिल पे मत ले,
कभी-कभी अल्फ़ाज़ दिल का हाल नहीं कहते।

😤Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन

रिश्तों में गुस्सा – जब मोहब्बत भी बेहाल हो जाती है

तेरा ग़ुस्सा भी मोहब्बत की निशानी है,
वरना जो बेगाने होते हैं, वो चुपचाप चले जाते हैं।

तेरा ग़ुस्सा भी मोहब्बत की निशानी है,
वरना जो बेगाने होते हैं, वो चुपचाप चले जाते हैं।

नाराज़ हो तो खुल कर बता दो,
यूँ खामोशी से तो रिश्ता टूट जाता है।

वो जब भी ग़ुस्से में आता है, बहुत कुछ कह जाता है,
पर उसी लहजे में छुपा होता है उसका दर्द और प्यार।

रूठने का हक़ है तुझे, प्यार में इतना तो चलता है,
पर छोड़ जाना कभी मोहब्बत नहीं होता।

🔥 Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन

गुस्सा शायरी दो लाइन – दर्द और आग का मेल

ग़ुस्से में किया हर फ़ैसला नुक़सान देता है,
दिल का दर्द बढ़ता है, चैन चला जाता है।

ग़ुस्से में किया हर फ़ैसला नुक़सान देता है,
दिल का दर्द बढ़ता है, चैन चला जाता है।

हमने ग़ुस्से में कुछ ऐसा कह दिया,
अब वो खामोशी में सब कुछ कह जाती है।

हर बार मैं ही क्यों झुकूँ, ये सवाल उठता है,
पर फिर तेरा चेहरा देख कर ग़ुस्सा उतर जाता है।

🌙 Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन

जब गुस्सा हो खुद से – आत्मसंघर्ष की शायरी

ख़ुद से ग़ुस्सा हूँ, कि क्यों उम्मीदें बाँध लीं,
जब मालूम था, हर बार टूटना ही मुक़द्दर है।

ख़ुद से ग़ुस्सा हूँ, कि क्यों उम्मीदें बाँध लीं,
जब मालूम था, हर बार टूटना ही मुक़द्दर है।

ग़ुस्से में तोड़ दिए आईने सारे,
अब ख़ुद को देखने का हौसला नहीं रहा।

ग़ुस्सा आता है जब अपनी बेबसी पर,
कि हर बार चुप रहना ही सही क्यों लगता है।

💬 गस्सा शायरी स्टेटस और इंस्टाग्राम के लिए

ग़ुस्से में आए तो आंखों से बरस पड़े,
दिल की ज़ुबान अब अल्फ़ाज़ों को नहीं समझती।

ना मुस्कराहट बची है, ना आंसुओं का सहारा,
ग़ुस्से ने जला डाली है हर एक ख़ुशियों की चिंगारी।

वो ग़ुस्से में था, मैं भी खामोश रहा,
फिर भी इल्ज़ाम मेरा ही बना।

✍️ Gussa Shayari Two Lines: गुस्सा शायरी दो लाइन- Last words

क्रोध मानव स्वभाव की भावना है, लेकिन चाहे वह प्यार, एक रिश्ता या जीवन में गिरता है, सब कुछ नुकसान पहुंचा सकता है। शायर के माध्यम से, हम क्रोध को ढाल सकते हैं और कभी -कभी हमें बेहतर महसूस कराते हैं। यदि आप दो पत्रों में इस गुस्से में रुचि रखते हैं, तो अपने दोस्तों, अनुयायियों या सोशल मीडिया में साझा करें।

और हां, अगर आपने अपने लिए शायरी लिखी है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि – मैं आपकी स्क्रिप्ट में मदद कर सकता हूं। क्या आप किसी विशेष घटना या विचार के लिए एक कविता चाहते हैं?

मुझे बताइए, अगला लेख उसी पर होगा।

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